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From Curry Stains to Self-Discovery: A Mumbai Love Story

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15m 08sOctober 7, 2023

From Curry Stains to Self-Discovery: A Mumbai Love Story

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  • मुंबई की हिरणंदनी धूमिधाम से सजी हुई थी। दिन-रात बीते हुए माहौल पर नयी किरणों की ज्वाला पड़ रही थी। राज, एक छोटे कॉर्पोरेट कार्यालय में काम करने वाला, सामान्य स्वभाव का लड़का हंसी खेल का विषय बन चुका था क्योंकि वह शादी के रिसेप्शन में अपनी नई ताज की शर्ट पर ज़रा सी करी गिरा चुका था।

    Mumbai's Hiranandani was adorned with splendor. The surroundings were lit up with the glow of new beginnings. Raj, a young man working in a small corporate office, had become the subject of laughter because he had spilled a little curry on his brand new shirt at a wedding reception.

  • "हे भगवान, यह क्या हुआ?" राज ने अपनी शर्ट पर लगी करी की खड़ाक देखकर दहकते हुए होंठों को महसूस किया। हर कोई उस दृश्य को देखकर हंस रहा था - पुराने दोस्त, परिजनों तक, सबने अपनी आँखों से आंसू छुड़ा लिया था। उन सबके बीच में, प्रिया, उसकी कॉलेज की सहपाठी, और उसकी दिल की स्वच्छंदता, एक कोने में मुस्कुराई थी अपनी मध्यवर्गीय शर्म के पीछे।

    "Oh God, what has happened?" Raj felt the burning sensation on his lips as he saw the stain on his shirt. Everyone was laughing at the sight - old friends, relatives, they all wiped away their tears. In the midst of all of them, Priya, his college classmate, and the purity of her heart, smiled shyly behind her middle-class shyness.

  • शर्म, संवेदना, और आत्मसमर्पण - इन सब मिश्रित भावनाओं के बावजूद, प्रिया ने तनाव से मुक्त राज की ओर ऋद्धियों से एक कपडे का टुकड़ा उठाया। "हो सकता है यह काम आए जी," उसने उसकी ओर कपड़े का टुकड़ा बढ़ाते हुए कहा।

    Despite the mix of shame, sensitivity, and self-sacrifice, Priya freed Raj from his tension by picking up a piece of cloth from her apron and said, "It could come in handy, you know," as she extended the cloth towards him.

  • राज स्पष्ट रूप से संकोच करता देख प्रिया ने उसकी ओर मुस्कान के साथ मुंह फेरा। "कोई बात नहीं, राज," उसने नर्म स्वर में कहा, "हम सब गलतियाँ करते हैं। मुझे खिचड़ी बनाने में साल लगे थे!"

    Seeing Raj hesitating, Priya turned her face away with a smile. "It's okay, Raj," she said in a soft voice, "We all make mistakes. It took me a year to learn how to cook khichdi!"

  • राज की चिंता तोड़ने के बाद प्रिया ने नैनों की ओर शीघ्रता से खि‍चक लिया। उसने पहली बार उस दिन अपने दिल की धड़कन और गहरे करी के दाग को महसूस किया। उसे हंसी, विमर्श और स्वाभाविकता का एक नया संरचनात्मक संयोग देखने को मिला।

    After relieving Raj's worry, Priya quickly withdrew her gaze. For the first time that day, she felt the beat of her heart and the depth of the curry stain. She saw a new combination of laughter, contemplation, and naturalness.

  • शादी समाप्त होने के बाद राज उस कठिनाई को नहीं भूल पाया, लेकिन उसने यह तय किया कि वह इसे अपनी पुरानी त्रुटियों में लिखकर अपने नए अध्याय का आगाज करेगा। प्रिया ने उसे एक सन्देश भेजा - एक उद्धरण जो उसने मुँबई की लगभग सभी संभावित लवर्स को भेजा था।

    After the wedding ended, Raj couldn't forget that difficulty, but he decided to start his new chapter by writing it in his old mistakes. Priya sent him a message - a quote that she had sent to almost all possible lovers in Mumbai.

  • "राज, मैं हंसने का भावी कानून नहीं तोड़ रही थी, मैं तुम्हें देखकर हंस रही थी। तुझे खुद को अपनाने में मजा आ रहा था। जिंदगी मजेदार होती है जब हम खुद को खोजने लगते हैं। तू दबाव में अपनी आत्मा को खोना नहीं चाहेगा। जीवन में बहुत कुछ है सीखने के लिए। क्या तुम खोजने के लिए तैयार हो?"

    "Raj, I wasn't breaking the law of future laughter, I was laughing at you. I was enjoying seeing you embrace yourself. Life becomes enjoyable when we start discovering ourselves. You won't want to lose yourself under pressure. There's so much to learn in life. Are you ready to explore?"

  • राज की चेहरे पर एक मुस्कान छा गई। करी के दाग ने उसकी आत्मा को नहीं खोया, बल्कि खुद को खोजने के ढंग सीखा दिया।

    A smile appeared on Raj's face. The curry stain didn't make him lose his soul, but it taught him how to discover himself.