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The Unexpected Cow: Igniting Passion in the Concrete Jungle

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11m 45sOctober 21, 2023

The Unexpected Cow: Igniting Passion in the Concrete Jungle

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  • मुंबई के गर्मियों की दोपहर थी और राजेश अपने व्यस्त कार्यालये में मेहनत कर रहा था। उसका कार्यालय, बहुत ऊंचे इमारत के सोलहवें मंजिल पर था, जहां से मुम्बई की निसर्गीय सुंदरता देखने को मिलती थी। उसका काम, सरल लग सकता है, लेकिन सोलह मंजिलों के ऊपर बैठे होने का भार वो अकेले झेलता था।

    It was a hot afternoon in Mumbai, and Rajesh was working hard in his busy office. His office was on the sixteenth floor of a very tall building, from where he could see the natural beauty of Mumbai. His work may seem simple, but he had to bear the burden of being on the sixteenth floor all alone.

  • उस दिन कुछ आपातीजनक हुआ। राजेश ने अपने कार्यालय की खिड़की से देखा कि एक गाय उसके कार्यालय में ताक झांक रही है। हाँँ, एक गाय। अचानक, उसका ध्यान कहानियों, कविताओं और कार्टून तक खिसक गया। कि भारतीय साहित्य के हीरो किसी समस्या के बीच में अचानक उभर कर समाधान निकाल लेते हैं।

    That day, something unusual happened. Rajesh saw from his office window that a cow was peeking into his office. Yes, a cow. Suddenly, his attention shifted from stories, poems, and cartoons to how the heroes of Indian literature suddenly emerge and find solutions amidst a problem.

  • "हे भगवान्, मैं बिलकुल पागल हो गया हूँ।" राजेश ने आत्मसात करते हुए कहा। लेकिन उस गाय की दिशा में फिर से नजर दालने में वह हिचक नहीं आती। उसके दिल में एक चिंगारी रोशनी की प्रतीक्षा कर रही होती है, जो उसे उसके कार्य और खुद की अवस्था पर एक नया दृष्टिकोण दे सकती है।

    "Oh god, I must be going crazy," Rajesh said while questioning himself. But he couldn't help but look at the direction of the cow again. There was a spark in his heart, waiting for a ray of light that could give him a new perspective on his work and his own situation.

  • वह उस गाय को अपनी कार्यालय में नहीं ले आया, लेकिन उसने बाहर जाकर उसे गनी खरीदी और कुछ ऊँटनी भी। उसके बाद, वह अब उस गाय को हर दिन खुद खिलाता है। यह एक छोटी सी कड़ी थी जिसे वह अपने दिनचर्या में जोड़ना चाहता था, लेकिन उसके सबसे कठिन काम को अब आसान बना दिया था, उसके जीवन में एक नई उम्मीद की ज्योति को जला दिया था।

    He didn't bring the cow into his office, but he went outside and bought some grass and a water container for her. After that, he now feeds the cow every day. It was a small routine that he wanted to incorporate into his daily life, but it had made his most difficult task easier. It had ignited a new spark of hope in his life.

  • मुंबई की यात्रा ने राजेश को कुछ नहीं सिखाया, लेकिन एक अनपेक्षित गाय ने उसे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पाठ सिखाया। अब वह खुद को अधिक ताकतवर महसूस करता है और अब उसकी काम करने की शक्ति नहीं है, सिर्फ काम करने की शक्ति है। वह अपनी कहानी से खुद को और दूसरों को भी प्रेरित कर सकता है।

    The journey in Mumbai didn't teach Rajesh anything, but an unexpected cow taught him the most important lesson of life. Now, he feels more empowered and has not just the power to work but the power to work with passion. He can inspire himself and others with his story.