The Magical Parrot of Chandni Chowk: A Soulful Encounter
FluentFiction - Hindi
The Magical Parrot of Chandni Chowk: A Soulful Encounter
शोरगुल से परिपूर्ण दिल्ली के चांदनी चौक पर, भूले-भटके रमेश का होश उड़ चुका था।
In the bustling Chandni Chowk of Delhi, Ramesh, who had lost his way, had become bewildered.
उन्होंने ऐसी भीड़ नहीं देखी थी।
He had never seen such a crowd before.
रस्ते, बाजार, दुकानें सब एक सी लग रही थीं।
The streets, markets, shops all seemed the same.
चाहकर भी उन्हें अब रास्ता नहीं समझ आ रहा था।
Even though he tried, he couldn't understand the way now.
हर तरफ सिर्फ धकेलाम धकेली का समंदर लग रहा था।
Everywhere, it just seemed like an ocean of push and shove.
आखिरकार भारी ह्रदय से, रमेश ने दिखाई दी एक दुकान अपने आस-पास, जहां एक शानदार हरा बहुत सुंदर तोता केज में बंद था।
Finally, with a heavy heart, Ramesh spotted a shop nearby, where a magnificent green parrot was locked in a beautiful cage.
उसकी आँखें उम्मीद से चमक रही थीं।
Its eyes were shining with hope.
"हेलो सर!
"Hello sir!
क्या मैं आपकी सहायता कर सकता हूँ?
Can I help you?"
" तोते की हिन्दी में बोली गई यह बातें उन्हें हैरान कर दी।
These words spoken in Hindi by the parrot surprised him.
उन्होंने झट से सोचा, क्यों न इस तोते से दिशा-निर्देश पूछें।
He quickly thought, why not ask this parrot for directions.
रमेश ने तोते से बड़े आवेदनपूर्वक कहा, "मुझे अपने घर का रास्ता नहीं मिल रहा है, क्या तुम मेरी मदद कर सकते हो?
With great confidence, Ramesh earnestly said to the parrot, "I am unable to find the way to my house, can you help me?"
"बड़े ही आत्मविश्वास से तोता ने उन्हें सटीक निर्देश दिए।
With great self-assurance, the parrot gave him precise directions.
रमेश ने उन निर्देशों का पालन किया और वे आश्चर्यजनक रूप से घर पहुंच गए।
Ramesh followed those directions and miraculously arrived home.
रास्ता खोने की विपत्ति से लेकर एक बोलने वाले तोते से मदद लेने और घर पहुंचने तक की यह यात्रा, रमेश को यह बताती है कि अशांति के क्षणों में भी सामान्यत: आपकी सहायता करने वाला कोई न कोई आपके आसपास मौजूद होता है।
From the misfortune of losing the way to seeking help from a talking parrot, and finally reaching home, this journey teaches Ramesh that even in moments of unrest, there is usually someone around you willing to help.
आपको बस उसे ढूंढना होता है।
You just have to find them.
और हां, कभी-कभी वे सहायता स्वरूप एक बोलने वाले तोते की तरह भी हो सकते हैं।
And yes, sometimes that help may come in the form of a talking parrot.