Market Bargain: How Three Friends Mastered the Art of Negotiation
FluentFiction - Hindi
Market Bargain: How Three Friends Mastered the Art of Negotiation
मुंबई की हलचल से भरी बाजारों में, चहकती दोपहरी में, तीन दोस्त अपना समय बिता रहे थे।
In the bustling markets of Mumbai, amid the sweltering afternoon, three friends were spending their time.
आरव, पूजा और रोहन, उन तीनों का एक ही सपना था - उनके पास अपनी मनपसंद चीज़े खरीदने का सम्पूर्ण धन होना।
Arav, Puja, and Rohan, all shared the same dream - to have enough money to buy their favorite things.
बाजार की गलियाँ घूमते हुए, आरव की नजर एक सुनहरे रंग की ज़बरदस्त साॅफ़ा पर पड़ी।
As they wandered the alleyways of the market, Arav's eyes fell on a magnificent golden sofa.
वह मोलभाव करना चाहता था, लेकिन उसके पास इतने पैसे नहीं थे।
He wanted to negotiate the price, but he didn't have enough money.
पूजा एक खूबसूरत ज़ुमेर की चोटी पर नजर डालती थी जो उसकी साड़ी के साथ बहुत अच्छी दिखती, लेकिन वह भी वही आरव की समस्या से गुजर रही थी।
Puja gazed at a beautiful brooch on the top of a scarf that looked very good with her saree, but she too was facing the same dilemma as Arav.
रोहन भी कुछ खरीदना चाहता था, शायद एक नई कलम या नोटबुक, लेकिन उसकी भी बजट की सीमा थी।
Rohan also wanted to buy something, perhaps a new pen or notebook, but he also had budget constraints.
उन तीनों ने एक साथ निर्णय लिया कि वे मोलभाव करेंगे, उन्हें एक ही सूत्रितों पर चलना पड़ेगा।
The three of them decided to negotiate together, they had to stick to the same principles.
आरव ने निजी तौर पर अपने मूल्य को कम करने का प्रयास किया।
Arav tried to negotiate his price privately.
उसने विक्रेता से कहा, "भैया, यह साॅफ़ा काफी पुराना लगता है, शायद इसके लिए आप ज्यादा मांग रहे हैं।
He said to the vendor, "Brother, this sofa looks quite old, maybe you are asking for too much."
" "नहीं बिल्कुल नहीं"विक्रेता ने कहा,"यह बिल्कुल नया है।
"No, not at all," the vendor said, "this is brand new.
इसका दाम ठीक ही है।
The price is just right."
"पूजा और रोहन ने अपने मूल्य को भी कम करने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हो सके।
Puja and Rohan also tried to negotiate their prices, but they were not successful.
फिर भी, उन्होंने हार नहीं मानी और निरंतर प्रयास किए।
Nevertheless, they did not give up and continued to try.
अंत में, विक्रेता जी ने संवेदनशीलता दिखायी और अगर वे तीनों अपनी चीजें एक साथ खरीदें तो उन्हें छूट देने को तैयार हो गए।
In the end, the vendor showed empathy and agreed to give them a discount if all three of them bought their items together.
तीनों मित्रों ने खुशी-खुशी अपने नये समग्री खरीदी, और बाजार की गलियों में खुशी खुशी घूमते रहे, आनंदित होकर अपनी नई चीजों की खरीदारी का।
The three friends happily bought their new belongings, and happily wandered through the market alleys, joyfully enjoying their new purchases.
उन्होंने यह समझ लिया था कि समझदारी से मोलभाव करने का गुण उन्हें उनकी सीमाओं के बावजूद उनकी चाहते हुए चीजों तक पहुंचा सकता है।
They understood that with intelligence in negotiating, they could reach their desired items despite their limitations.