The Sidewalk Game of Happiness: A Mumbai Tale
FluentFiction - Hindi
The Sidewalk Game of Happiness: A Mumbai Tale
मुंबई की गलियों में एक अनोखा हो रहा था खेल।
In the streets of Mumbai, an unusual game was taking place.
फुटपाथ का स्वामी, राज, एक स्ट्रीट वेंडर, एक सामानय समय की अत्याचारी दुपहरी को एक चाट-स्टॉल पर कामकाजी आयशा के लिए लड़ रहा था।
Raj, the sidewalk vendor, was engaged in a playful argument with Ayesha, a regular afternoon visitor to his street food stall.
तिकोनी सेव पुरी की मीठी और खट्टी खुशबू आसपास की जली हुई मिट्टी की खुशबू को छिपा रही थी।
The sweet and tangy aroma of Tikiwala sev puri was masking the scent of the scorched earth around.
"पांच की दस, बकायदा" - राज ने पैसा देते हुए कहा।
"Five for ten, a set deal," Raj said as he handed over the money.
वीमपण से पैसा देने की जगह, राज को अधिक देना पड़ा।
Instead of paying at the Vimpany, Raj had to give more.
मुस्कान भरी हाँसी छोड़ने की वजह से उसका चेहरा और राहत से ताजगी से चमक रहा था।
His face was beaming with a smile filled with relief, shining with freshness.
वह वापस अपने स्टॉल पे बैठ गया और खयालों में कहीं खोगया।
He returned to his stall and got lost in his thoughts.
आयशा ने उसके निराशाजनक मोलभाव को देखा और हँसी।
Ayesha noticed his disappointed expression and chuckled.
वह उसकी सदा बदलने वाली नयापन की खोज में थी, जो उसे लगभग हर दिन मिलता था।
She was on a quest for Raj's ever-changing novelty, which she found almost every day.
वह राज को यहाँ अक्सर धूप में बिछाने का इंतजार करती थी।
She often waited for Raj to spread in the sun here.
दिन के अंत में, राज का शोर दूर हो जाता और आयशा का घर का रास्ता स्वयं को खोने के लिए एक आदान-प्रदान था।
At the end of the day, Raj's clamor subsided, and Ayesha's journey home became a soul-searching exchange.
वह जानती थी की उसने ज्यादा दिया था पर उसे फर्क नहीं पड़ा।
She knew she had given extra, but it didn't bother her.
आखिर वह अपने दिन के लिए कुछ खोज ही रही थी।
After all, she was just looking for something to ponder over for her day.
राज ने पैसे की गिनती की और एक संतोषजनक हँसी छोड़ी।
Raj counted the money and left a contented laugh.
स्ट्रीट वेंडर होते हुए उसे समझ में आ गया कि पैसा बस एक खेल है, जिसमें हमेशा मूल्य वही होता है जो हम उसे देते हैं।
As a sidewalk vendor, he understood that money is just a game, where the value is always what we give it.
विचारक राज और हमेशा हँसती आयशा ने मुंबई की रंगबिरंगी गलियों में अपनी छोटी सी दुनिया बना ली थी।
Thinker Raj and always-smiling Ayesha had created their own small world in the colorful streets of Mumbai.
वह जानते थे कि पैसा सिर्फ एक माध्यम है, खुशी तो खरीदी नहीं जा सकती।
They knew that money is just a means, happiness cannot be bought.