Allergies to Artistry: रोहन's Heartfelt दीवाली Change
FluentFiction - Hindi
Allergies to Artistry: रोहन's Heartfelt दीवाली Change
रोहन अपनी कॉलेज की छुट्टियों में घर लौटा।
रोहन returned home during his college vacation.
घर में दीवाली की तैयारियाँ ज़ोरों पर थीं।
घर was bustling with दीवाली preparations.
रंग-बिरंगी लाइट्स झिलमिला रही थीं, दरवाजों पर गेंदे के फूल झूम रहे थे और घर के अंदर मीठा पकवानों की सौंधी ख़ुशबू बिखरी थी।
Colorful lights were shimmering, marigold flowers were swaying at the doors, and inside the house, the sweet scent of delicacies was spread all around.
लेकिन इस बार रोहन चिंतित था।
But this time, रोहन was worried.
उसे अचानक मौसमी एलर्जी हो गई थी, जिससे उसकी आँखें लाल और नाक बह रही थी।
He had suddenly developed a seasonal allergy, which made his eyes red and his nose runny.
रोहन महसूस कर रहा था कि वह षीष बहार है।
रोहन felt like he was a spectator.
परिवार में दीवाली की ख़ुशियाँ बिखरी थीं और सब अपने-अपने काम में व्यस्त थे, जैसे रंगोली बनाना, मिठाई बनाना, घर सजाना। वह भी कुछ करना चाहता था पर उसकी एलर्जी उसे रोक रही थी।
Despite the दीवाली joy flowing through the family, with everyone busy in their tasks like making रंगोली, preparing sweets, and decorating the house, he wanted to contribute but his allergy was holding him back.
"रोहन, तुम ठीक हो?" उसकी बड़ी बहन अंजलि ने पूछा।
"रोहन, are you okay?" his elder sister अंजलि asked.
"हाँ, बस थोड़ी एलर्जी हो गई है," रोहन ने जवाब दिया।
"Yes, just a bit of an allergy," रोहन replied.
उसकी बात पर कोई गंभीरता नहीं दिया।
Nobody took his words seriously.
रोहन अपने कमरे में बैठा सोचने लगा।
Sitting in his room, रोहन started thinking.
वह परिवार के साथ एक यादगार दीवाली मनाना चाहता था।
He wanted to celebrate a memorable दीवाली with his family.
लेकिन उसका स्वास्थ्य उसे बार-बार रोक रहा था।
But his health was repeatedly stopping him.
तभी उसे एक विचार आया।
Then, an idea popped into his mind.
वह बचपन से ही कला में अच्छा था।
He had always been good at art since childhood.
उसने तय किया कि वह घर को सुंदर बनाने के लिए कुछ नई कलाकृतियाँ बनाएगा।
He decided that he would create some new artworks to beautify the house.
रोहन ने कागज और ब्रश उठाए और दीवाली के चित्र बनाने लगा।
रोहन picked up paper and brushes and started drawing दीवाली scenes.
उसने अपने दिल से काम किया।
He worked from his heart.
हर पेंटिंग में उसने अपने भावनाएँ उकेरीं।
He expressed his emotions in every painting.
कुछ ही समय में उसकी दीवार पर कई रंगीन पोस्टर सजने लगे।
In no time, many colorful posters started adorning his wall.
जैसे ही दीवाली का दिन आया, रोहन ने सारे चित्र लिविंग रूम की दीवारों पर सजा दिए।
As the day of दीवाली arrived, रोहन decorated all the paintings on the living room walls.
सब लोग जब उसकी बनाई चित्रकारी देख रहे थे, तब एक अविश्वसनीय ख़ुशी उसके मन में छा गई।
When everyone was admiring his artwork, an incredible happiness engulfed him.
दीवाली की रात उसके चित्र कमरे का आकर्षण बन गए।
On दीवाली night, his paintings became the attraction of the room.
सब ने रोहन की तारीफ की।
Everyone praised रोहन.
वीर, उसका छोटा भाई, बोला, "वाह भैया, आपने कमाल कर दिया!"
वीर, his younger brother, said, "Wow, brother, you did an amazing job!"
और इस बार रोहन को लगा कि वह सही में परिवार का हिस्सा है, जैसे उसने हमेशा चाहा था।
And this time, रोहन felt like a true part of the family, just the way he always wanted.
उसने यह सीखा कि योगदान देने के लिए हमेशा शारीरिक उपस्थिति की जरूरत नहीं होती।
He learned that physical presence is not always necessary to contribute.
दिल से किया गया काम भी बहुत कुछ कह जाता है।
Work done with heart can also say a lot.
रोहन के दिल के अंदर परिवार के साथ जुड़ने की गर्माहट फैल गई।
Warmth for connecting with the family spread inside रोहन's heart.
इस दीवाली, उसने एक नयी तरह से अपने परिवार के साथ जुड़ाव महसूस किया।
This दीवाली, he felt a new kind of connection with his family.